शाम तनहा सी लगे, hmmm
सभी से हम बेखबर
फूलो के रंग, धूमिल
hmmm लगने लगे हैं सभी
यूँ ना आयी खामोशियाँ
मुस्कुराती है शोखियाँ haan
सूने पल हैं पहेलियाँ
छेड़ती है ये बदलियां haan haan
शाम तनहा सी लगे, hmmm
सभी से हम बेखबर
रुठे हैं नैना, मोहे न चैना
क्या हालत है मेरी, मै कैसे कहूं
तेरे जाने से, तेरे जाने से
मै अधूरा रह गया
शाम तनहा सी लगे… [x2]
2007